History Of Ashapura Mata Ji
श्री आशापुरा माताजी ( देवनगरी नाडोल ) – find Ashapura mata ji nadol history photos, wallpaper at thikanarajputana.in
श्री आशापुरा माताजी ( देवनगरी नाडोल )
जमीन तल से करीब 30-35 फीट की ऊंचाई पर स्थित मोदरा का आशापुरी माता मंदिर श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है। मोदरा माताजी या आशापुरी माता के नाम से इस शक्तिपीठ को जाना जाता है।प्रचलित कथा के अनुसार सौराष्ट्र के जूनागढ़ के राजा खंगार सुडासमा की पटरानी महारानी जेठवी मानती थी। नवमास का समय व्यतीत होने के बाद भी उसे प्रसव नहीं हुआ।
नौ मास तो क्या नौ वर्ष बीत गए। इसे लेकर राजा-रानी एवं प्रजा दु:खी थे। कई धार्मिक अनुष्ठान हुए। सलाह अनुसार रानी अपने लवाजमे के साथ गंगाजी की यात्रा के लिए रवाना हुए। रानी ने महोदरा वर्तमान में मोदरा में माताजी के दर्शन करने के लिए पड़़ाव डाला। जूनागढ़ पटरानी ने दैनिक कार्यों से निवृत्त होकर श्रद्धामयी होकर मोदरा माता के दर्शन किए। मां के समक्ष अपनी व्यथा सुनाई। अपने पड़ाव में रात्रि विश्राम के दौरान रानी को मां ने साक्षात दर्शन दिए और कहा कि तुम्हारे राजमहल में अमुक स्थान पर पूतला गढ़ा हुआ है। उसको निकालने पर तुम्हें पुत्र रत्न की प्राप्त होगी।
यह संदेश जूनागढ़ पहुंचा दिया गया। माता ने रानी को इस बात का विश्वास दिलाने के लिए कहा कि इस समय तुमने मेरी ओरण सीमा में रात्रि में विश्राम किया है। उस स्थान पर जहां तुमने घोड़े बांधने के लिए जितनी लकडिय़ों के खूँटे रोपे है, वे सभी दिन उगने तक हरे भरे कदम के वृक्ष बन जायेंगे। यदि ऐसा हो तो तुम मेरा दिया हुआ वचन सच्चा समझना। इतना कहकर महोदरी देवी अद्र्श्य हो गई।बात की सत्यता परखने के लिए रानी ने अपनी सेविकाओं के साथ तालाब के किनारे गाड़े सूखी लकड़ी की खुटियों को देखा तो वह आश्चर्यचकित रह गई। वहां विशाल हरे-भरे कदम के वृक्ष दिखाई दिए।
देवी चमत्कार को देखने के लिए जन समुदाय मंदिर के पिछवाड़े वाले तालाब पर उमड़ पड़ा। जूनागढ़ में उक्त समाचार भिजवाया गया। राजा प्रसन्न हुए। पूतले वाला बात पर तय जगह को खुदवाया गया और पूतला निकालवाया तो राजा को पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई। राजा अपने पुत्र को देखने के लिए तत्काल मोदरा रवाना हो गए।
उन्होंने यहां माता के दर्शन कर मंदिर का जीर्णोद्वार करवाया। राजा ने अपने पुत्र का नाम नवगण रोनेधण रखा जो जूनागढ़ का महाप्रतापी राजा हुआ। राजा की आस पुरी होने के बाद श्री महोदरी माता उसी दिन से आशापुरी माताजी के नाम से जाने लगा।आज भी कई श्रद्धालु पुत्र की आशा लिए यहां आते है। कदम नाडी में खडे कदम पेड़ों की पूजा भी की जाती है। यहां कदम पेड़ों की संख्या 23 है और दो अलग से खड़े है। ये सभी वृक्ष हमेशा हरे ही रहते है। कदम के वृक्ष रेतीले भू भाग एवं उसके नजदीक कहीं भी देखने को नहीं मिलते, यह तो चमत्कार ही है। मार्कण्डेय पुराण के दुर्गा सप्तशती नामक भाग में भगवती दुर्गा का महोदरी अर्थात बड़े पेट वाली नाम वर्णित है। यहां स्थापित मूर्ति करीब एक हजार वर्ष पुरानी है। विक्रम संवत 1532 के शिलालेख के अनुसार इस मंदिर का प्राचीन नाम आशापुरी मंदिर था। जालोर के सोनगरा चौहानों की शाखा नाड़ोल से उठकर जालोर आई थी। आशापुरी देवी ने राव लाखण को स्वप्न में दर्शन देकर नाडोल का राज दिया था। इस बात की चर्चा मूथा नैणसी ने अपने ख्यात में की है। सरकारी रिकॉर्ड के अनुसार श्री महोदरी माताजी के मंदिर के लिए 1275 बीघा जमीन का ओरण भी है।
मंदिर प्रांगण में लगे शिलालेख के अनुसार विक्रम संवत 1991 में श्री आशापुरी मंदिर परिसर में वर्षो से चली पशु बलि प्रथा का अंत आम ग्रामवासियों एवं पूर्व जागीरदार श्री धोकलसिंह व भीमसिंह द्वारा श्री तीर्थेन्द्र सूरीश्वरजी म.सा. की प्रेरणा से विक्रम संवत 1991 में आपस में आम सहमति से पशुवध, मदिरा चढ़ाने की प्रथा को पूर्ण रुप से बंद कर दिया गया। यहां प्रतिवर्ष होली के तीसरे दिन विशाल वार्षिक मेले का आयोजन भी किया जाता है। इस मेले में लाखों की संख्या में देशभर के श्रद्धालु एकत्रित होते है
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“या देवी सर्वभूतेषु मातुरूपेण संस्थिताः
नमस्तस्ये नमस्तस्ये नमस्तस्ये नमः नमः “
या देवी सर्व भूतेशु शक्ति रूपेण संस्थिता
नमस्तस्ये नमस्तस्ये नमस्तस्ये नमो नम: !
या देवी सर्व भूतेशु लक्ष्मी रूपेण संस्थिता
नमस्तस्ये नमस्तस्ये नमस्तस्ये नमो नम: !
Aashapura MAtaji Nadol Contact No. – 02934 – 240054 ( SHREE ASHAPURA MATAJI PEDHI )
Application Link – http://www.androidcreator.com/app130609
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ये एप्लीकेशन राज राजेश्वरी माँ आशापुरी माताजी और चौहान कुल की जानकारी देने के लिए बनायीं गयी है
इसमे माताजी के इतिहास और चौहान कुल की जानकारी देने की कोशिश की गयी है
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5 Comments
Jay Mataji
Jay Maa Ashapura
Jay Rajputana
I WANTS TO COME HOW TO I REACH THIS TEMPLE I DONT NO THE WAY KINDLEY GIVE ME RIGHT WAY TO REACH THE THE TEMPLE
SATISH KUMAR CHAUHAN
MOB; 09999375568
The best way to come as per my knowledge is hire a taxi from Pali Railway station. Come to pali by train and take a taxi to Nadol. It’s about 50 km from Pali and don’t worry about road.
Jay Mataji
I want to know all about mata aasha puri devi…
Please suggest me any app or website